समावेषी विकास के लिए आयोजित कार्यषाला का हुआ समापन
- प्रकृतिक खेती व गौपालन वर्तमान की आवष्यकता-कड़ सिद्धेष्वर स्वामी
- प्रत्येक परिवार को एक गाय उपलब्ध कराने की योजना- अध्यक्ष उ॰प्र॰ गौपालन आयोग
भरतपुर 30 नवम्बर समृद्ध भारत अभियान द्वारा समावेषी विकास के लिए प्राकृतिक खेती, गौपालन, ग्राम विकास के लिए आयोजित हो रही दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यषाला का समापन शनिवार को उ॰प्र॰ गौपालन आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ। इस कार्यषाला में राजस्थान के अलावा गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेष, मध्य प्रदेष, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेष, उत्तराखण्ड आदि राज्यों के 108 सन्त, कृषि वैज्ञानिकों, सामाजिक चिन्तक, प्रकृति प्रेमी आदि ने भाग लिया।
कार्यषाला के समापन समरोह में कनेरी मठ के मठाधिपति कड़ सिद्धेष्वर स्वामी ने कहां कि आज रासायनिक खेती के कारण जमीन, जयवायु व जल की गुणवत्ता में निरन्तर गिरावट आने के कारण खाद्यान्न उत्पादन इतना जहरीला हो गया है कि इसका दुष्प्रभाव मानव शरीर पर पड़ने लगा है। इसका प्रकृति व वायुमण्ल पर भी असर दिखाई देने लगा है। ऐसी स्थिति प्राकृतिक खेती व गौपालन वर्तमान व भविष्य की आवष्यकता है। उन्होंने कहां कि रासायनिक खाद्य उत्पादों के प्रयोग के कारण लोग अधिक बीमार हो रहे है। साथ वायुमण्डल में कार्बनडाई आक्साइड की मात्रा निरन्तर बढ़ने से मानव जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक खेती, गौपालन, ग्रामीण विकास व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा ताकि एक दूसरे के कार्यांे का लाभ मिल सके।
उत्तर प्रदेष गौपालन आयोग के अध्यक्ष एवं भारतीय गौ सेवा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कहां कि रासायनिक खेती के दुष्परिणामों के कारण उत्तर प्रदेष में प्राकृतिक खेती, गौपालन को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक परिवार को एक-एक गाय उपलब्ध कराने की योजना तैयार की गई है। गौ सेवा परिषद गौ संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा, रोजगार, षिक्षा पर कार्य कर रही है। गौ सेवा को बढ़ावा देने के लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी गौ आधारित खेती को बढ़ावा देने के लिए योजना की घोषणा की है। जिसे शीघ्र पूरे देष में लागू किया जायेगा।
समापन समारोह में बीकानेर के संत षिरोमणी स्वामी विमर्षानंद, बनारस के संत रतन जी वषिष्ठ, ग्वालियर के आचार्य बृजमंणी शास्त्री, बीकानेर के महामण्डेष्वर नर्बदाषंकर, उदयपुर के राजेष रावत, लखनउ के राजेष राणा, भास्कर अस्थाना, बलिया के रजनेष सिंह, सुरेन्द्र सिंह, दिल्ली मुकेष सिंह, कर्नल रविन्द्र सिंह, स्वामी अभिनंदन हरिद्वार, गोपाल जी, श्रीमती इन्दू, के॰ बृजंेद्र सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। श्रीमती भाग्य श्री ने गोवर से बने विभिन्न उत्पादों को प्रदर्षित कर इनकी उपयोगिता की जानकारी दी।
कार्यषाला के समापन के अवसर पर समृद्ध भारत अभियान के निदेषक सीताराम गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यषालाएं समय समय पर आयोजित होनी चाहिए ताकि देष के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों के ज्ञान को एकत्रित कर नीति आयोग को प्रस्तुत किया जा सके। जिससे प्राकृतिक खेती व गौपालन के संबंध में उत्कृष्ट योजनाएं तैयार होकर लागू की जा सके। इस अवसर पर बताया गया कि आगामी 7 से 9 जून तक दिव्यभारत की कार्यषाला कनेरी मठ (कोल्हापुर) में आयोजित होगी।
इसी दिन कार्यषाला में शामिल संभागियों ने उच्चैन तहसील क्षेत्र के पना गाँव में किसान कमल सिंह के फार्म हाउस का अवलोकन किया जहां प्राकृतिक खेती, गौपालन एवं प्राकृतिक कीटनाषक तैयार करने कार्यों को देखकर इन्हें अन्य क्षेत्रों में अपनाने का बल दिया गया।