Bharatpur City News: भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी विवाह की भागवत कथा: एक दिव्य उत्सव

24 जनवरी, 2025 को भरतपुर के श्याम सिकंदर रिसॉर्ट हीरादास में आयोजित श्रीमद्भागवत गीता ज्ञान यज्ञ के पांचवे दिन, कथा में भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी के विवाह का मनमोहक वर्णन किया गया। कथा के दौरान, व्यास पंडित बनवारीलाल जी महाराज (गोवर्धन वाले) ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण हर प्राणी की मन की प्रार्थना को सुनते हैं और रुक्मणी का विवाह इसी दिव्य प्रार्थना का परिणाम था।
रुक्मणी और श्री कृष्ण का विवाह
भागवत कथा में बताया गया कि रुक्मणी, जो भगवान श्री कृष्ण की माया के समान थी, ने मन ही मन यह निश्चय किया था कि भगवान श्री कृष्ण ही उसके लिए योग्य पति हैं। हालांकि, रुक्मणी का भाई रुकमी श्री कृष्ण से द्वेष करता था और वह रुक्मणी का विवाह शिशुपाल से कराना चाहता था। लेकिन रुक्मणी की प्रार्थना भगवान श्री कृष्ण तक पहुंची, और अंततः रुक्मणी का विवाह भगवान श्री कृष्ण से हुआ। यह विवाह भगवान की कृपा और रुक्मणी की सच्ची श्रद्धा का प्रतीक था।
धूमधाम से मनाया गया विवाह उत्सव
विवाह उत्सव के दौरान, श्रद्धालुओं ने भजनों पर जमकर नृत्य किया। कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी की झांकी का दर्शन भी कराया गया, जिससे श्रद्धालुओं का उत्साह दोगुना हो गया। यह दिव्य अवसर भरतपुर के सैकड़ों भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव था।
स्वागत और सम्मान समारोह

कथा के दौरान व्यास पंडित बनवारीलाल जी महाराज एवं यजमान देवकीनंदन शर्मा का शॉल, साफा, माला और भगवान परशुराम जी का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री ब्राह्मण सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष कौशलेश शर्मा, रांगेय राघव कॉलेज के निदेशक शिशुपाल लवानियां, पंडित बनवारीलाल शर्मा, प्रिंसिपल बाबूलाल कटारा, एलआईसी के लालचंद शर्मा, सेवानिवृत्त सहायक लेखाधिकारी ईश्वरी प्रसाद शर्मा और कई अन्य समाजसेवी उपस्थित रहे।
आभार व्यक्त किया गया
कथा के यजमान, सेवानिवृत्त सहायक अभियंता देवकीनंदन शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और इस सफल आयोजन में श्रद्धालुओं की भागीदारी की सराहना की।
यह भागवत कथा न केवल भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी के विवाह के महत्व को समझाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सच्ची श्रद्धा और प्रार्थना से भगवान हर किसी की मदद करते हैं। यह कार्यक्रम श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनकर उभरा और भगवान श्री कृष्ण की असीम कृपा के संदेश को फैलाया