राजस्थान के पुजारियों के लिए सम्मान योजना की मांग, प्रदेश मंत्री हरीश पाठक ने मुख्यमंत्री को भेजा प्रस्ताव

राजस्थान के गैर-सरकारी मंदिरों में कार्यरत पुजारियों की आर्थिक स्थिति को लेकर एक अहम मुद्दा उठाते हुए वसुंधरा राजे समर्थक मंच के प्रदेश मंत्री हरीश पाठक ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को एक विस्तृत प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में राज्य सरकार से ‘पुजारी सम्मान योजना’ लागू करने की मांग की गई है।
पाठक ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के कई पुजारी ऐसे मंदिरों में सेवा दे रहे हैं जिन्हें सरकारी सहायता प्राप्त नहीं है। ऐसे में उनकी आजीविका केवल श्रद्धालुओं की दान-दक्षिणा पर निर्भर रहती है, जो अस्थिर और अपर्याप्त होती है। आर्थिक तंगी के कारण ये पुजारी अपने परिवार के लिए बुनियादी सुविधाएं जुटाने में भी असमर्थ हो जाते हैं।
प्रस्ताव में रखी गईं मुख्य मांगे:
- राज्य के सभी मंदिरों का अनिवार्य पंजीकरण किया जाए।
- प्रत्येक पंजीकृत पुजारी को ₹21,000 मासिक सम्मान निधि प्रदान की जाए।
- पुजारियों के भविष्य की सुरक्षा हेतु PPF और ESI की व्यवस्था लागू हो।
- योजना की निगरानी के लिए विशेष समिति का गठन किया जाए।
- यह योजना धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में भी सहायक होगी।
हरीश पाठक ने कहा कि यह योजना प्रदेश के उन पुजारियों के लिए आवश्यक है, जो बिना किसी सरकारी सहायता के धर्म और संस्कृति की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस योजना को प्राथमिकता देकर जल्द लागू किया जाए।
अब देखना यह है कि राजस्थान सरकार इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेती है।
📝 रिपोर्ट: संवाददाता
स्थान: जयपुर