झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस गाँव सूरौता में मनाया

झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस गाँव सूरौता में मनाया

The sacrifice day of Rani Laxmibai of Jhansi was celebrated in the village Surouta

आजाद सेवा समिति ने झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस गाँव सूरौता में मनाया । अध्यक्ष सचिन सूरौता ने बताया कि अभूतपूर्व पराक्रम और शौर्य की प्रतिमूर्ती झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस गाँव सूरौता में नारी शक्ति द्वारा मनाया गया। सबसे पहले रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर श्रध्दांजलि दी।

इसके बाद रानी लक्ष्मीबाई के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुऐ सपना फौजदार ने कहा कि झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणासी में हुआ था।उनका बचपन का नाम मणिकर्णिका था प्यार से उन्हे मनु कहा जाता था। उन्होने 1857 की क्राँति में अहम भूमिका निभाई थी।ब्रिटिश साम्राज्य के आगे समर्पण न करके ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी और अंग्रेजी सिपाहियों से लडते लडते वीरगति को प्राप्त हुई।

उनके जीवन से हम सबको प्रेरणा मिलती है कि किसी भी परिस्थिति में नारी शक्ति को घबराना नहीं चाहिए। बहादुरी,साहस और दृढ़संकल्प के साथ हर परिस्थिति का डटकर सामना करना चाहिए। रानी लक्ष्मीबाई मरते हुए भी अपना नाम अमर कर गयी और इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ गयी। उनके जीवन से सीख मिलती है कि अपने सम्मान और स्वाभिमान से किसी भी हालात में समझौता नहीं करना चाहिए।

इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद समस्त नारी शक्ति ने झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई अमर रहे का जयघोष किया एवं उनके जीवन चरित्र पर बनी कविता चमक उठी सन् सत्तावन में वो तलवार पुरानी थी खूब लडी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी का गायन किया।

इस अवसर पर नगीना फौजदार,सीमा,सोनिया,चंचल,मुस्कान,विमलेश,प्रियंका,शिवानी,साधना,शिवांगी आदि मौजूद रहीं।

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