नदबई में महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस एवं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी

नदबई में महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस एवं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी

नदबई में महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस एवं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी

Bharatpur News: Tribute paid in Nadbai on Maharaja Surajmal Sacrifice Day and birth anniversary of former PM Atal Bihari Vajpayee

भारतीय जनता पार्टी शहर मंडल संयोजक रोहित उपाध्याय के नेतृत्व में महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस एवं पूर्व प्रधानमंत्री और दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें याद कर पुष्प अर्पित व श्रद्धांजलि दी।
शहर मंडल संयोजक रोहित उपाध्याय ने कहा कि महाराजा सूरजमल केवल जाट समाज के महानायक नहीं, बल्कि सभी वर्गों के हितैषी और आदर्श थे। उन्होंने गरीब कमजोर और जुल्म के खिलाफ लड़ाइयां लड़ते-लड़ते शहीदी प्राप्त की। उन्होंने 80 युद्ध लड़े, लेकिन वह कभी पराजित नहीं हुए।
उनकी बहादुरी की मिसाल इतिहास के किताबों में दर्ज है ।

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अशोक उपाध्याय ने कहा कि ऐसा गौरवपूर्ण इतिहास दुनिया में शायद ही किसी और राजा का रहा होगा। वह एक योद्धा के साथ-साथ दूरदर्शी और वैज्ञानिक भी थे। उनकी गौरवपूर्ण कारनामों के बारे में इतिहास के पन्नों में दर्ज है। इतिहास में उन्हें एशिया का प्लूटो भी कहा जाता है। राजस्थान के लोहगढ़ किले का निर्माण उन्होंने इस तरीके से किया कि आज तक भी कोई उसे भेद नहीं पाया।
अंग्रेजों और मुगलों ने वहां पर 13 बार आक्रमण किया, लेकिन लोहागढ़ किले की दीवारों ने अंग्रेजों के तोप के गोलों और हथियारों को निरस्त कर दिया और उन्हें हर बार मुंह की खानी पड़ी।उन्होंने कहा महाराजा सूरजमल और उनके वंशजो ने तीन बार दिल्ली जीती और यह उनके वंशज ही हैं, जो दिल्ली को चारों तरफ से घेरे बैठे हैं।

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए रोहित उपाध्याय ने कहा कि ‘नाम अटल है, काम अटल है, राष्ट्रशक्ति पर विश्वास अटल है, धर्म अटल है, धैर्य अटल है, राष्ट्रसमृद्धि का लक्ष्य अटल है.’ आज, जब हम भारत के महानतम नेताओं में से एक, पूर्व प्रधानमंत्री, ‘भारत रत्न’ आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती मना रहे हैं, यह अवसर उनके अद्वितीय व्यक्तित्व, दूरदर्शी नेतृत्व और राष्ट्र-निर्माण में उनके योगदान को स्मरण करने का है l

संविधान एवं लोकतंत्र की गरिमा तथा राष्ट्र निर्माण के प्रति उनका समर्पण सदैव अटल रहा है. उनकी हर पहल, चाहे वह परमाणु परीक्षण हो, कारगिल में साहसिक नेतृत्व हो, या शांति स्थापित करने के लिए लाहौर बस यात्रा का ऐतिहासिक कदम— हमेशा राष्ट्रहित में अडिग और अटल रही. अटल जी की कविताएं, जैसे “हार नहीं मानूंगा,” उनके अटल विश्वास और अदम्य इच्छाशक्ति का प्रतीक हैं, जो हमें हर चुनौती में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं l

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उनकी यह जयंती हमें उनकी विरासत को आत्मसात करने एवं उनके द्वारा दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती रहेगी. ऐसे महान राष्ट्रनेता, पूर्व प्रधानमंत्री, ‘भारतरत्न’ अटल विहारी बाजपेयी जी को उनकी शताब्दी जन्म जयंती पर कोटिशः नमन किया ।

इस मौके पर अशोक उपाध्याय , पुर्व पार्षद हरिशंकर उपाध्याय उर्फ लाई भईया, चरन सिंह कोली,संदीप देशवाल, बालमुकुंद बिहारिया,ओमवती लवानिया,गिरधर जाटव, रघुनंदन उपाध्याय,ओमप्रकाश सिनसिनवार,सुनील गुप्ता , नाहर सिंह, विष्णुदत्त शर्मा,प्रेम बिहारिया, नत्थी लवानिया, रत्ती उपाध्याय,विष्णु देशवाल,रोहित पिप्पल आदि लोग मौजूद रहे ।

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