राजस्थान में पुजारियों के सम्मान और अधिकारों को लेकर उठा बड़ा कदम, हरीश पाठक ने सीएम को भेजा “पुजारी सम्मान योजना” का प्रस्ताव

राजस्थान में पुजारियों के सम्मान और अधिकारों को लेकर उठा बड़ा कदम, हरीश पाठक ने सीएम को भेजा “पुजारी सम्मान योजना” का प्रस्ताव

राजस्थान में पुजारियों के सम्मान और अधिकारों को लेकर उठा बड़ा कदम, हरीश पाठक ने मुख्यमंत्री को भेजा”पुजारी सम्मान योजना” का प्रस्ताव

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भरतपुर,
राजस्थान के धार्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने में जीवन समर्पित करने वाले पुजारियों के कल्याण के लिए अब सामाजिक संगठन सामने आने लगे हैं। इसी क्रम में ब्राह्मण समाज राजस्थान के भरतपुर जिला अध्यक्ष श्री हरीश पाठक ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को एक महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में राजस्थान में “पुजारी सम्मान योजना” लागू करने की मांग की गई है, जिससे प्रदेश भर के हजारों आर्थिक रूप से कमजोर पुजारियों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा मिल सके।

📌 मुख्य मांगें एवं प्रस्ताव के बिंदु:

1. सभी मंदिरों का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए:
राज्य में स्थित सभी सरकारी एवं गैर-सरकारी मंदिरों का एक सुव्यवस्थित पंजीकरण किया जाए। यह प्रक्रिया ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से होनी चाहिए, ताकि कोई भी पुजारी योजना के लाभ से वंचित न रह जाए।

2. मासिक सम्मान निधि ₹21,000:
जो पुजारी सिर्फ श्रद्धालुओं की दान-दक्षिणा पर निर्भर हैं, उन्हें सरकार द्वारा ₹21,000 प्रति माह “सम्मान निधि” के रूप में प्रदान की जाए। यह निधि उनके सम्मानजनक जीवन यापन के लिए एक आधार बनेगी।

3. भविष्य की आर्थिक सुरक्षा की व्यवस्था:
पुजारियों की दीर्घकालिक आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके खाते में पीपीएफ (Public Provident Fund) और ईएसआई (Employee State Insurance) की व्यवस्था होनी चाहिए। यह प्रावधान उनके वृद्धावस्था एवं आपातकालीन समय में सहायक सिद्ध होगा।

4. योजना की निगरानी हेतु विशेष समिति का गठन:
एक राज्य स्तरीय विशेष निगरानी समिति गठित की जाए, जो मंदिरों के पंजीकरण, पुजारियों के चयन, और धनराशि के वितरण की पारदर्शी निगरानी करे। समिति में धर्मगुरुओं, समाजसेवियों और प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल किया जाए।

5. धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण:
इस योजना के माध्यम से न केवल पुजारियों का सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान होगा, बल्कि यह राजस्थान की ऐतिहासिक धार्मिक परंपराओं के संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


✍️ हरीश पाठक ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

श्री हरीश पाठक ने इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री कार्यालय को औपचारिक रूप से प्रेषित करते हुए निवेदन किया कि यह योजना राजस्थान के उन हजारों पुजारियों के लिए अत्यंत आवश्यक है, जो आज भी अपने दैनिक जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक सेवा में जीवन समर्पित करने वाले इन लोगों के लिए कोई सशक्त सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था नहीं है, जो चिंताजनक है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा, जो स्वयं भी सनातन संस्कृति एवं परंपराओं के पोषक हैं, इस योजना को प्राथमिकता देंगे और शीघ्र ही इसे लागू करवाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।


🙏 पुजारियों को मिले उनका हक – समाज की एकजुट आवाज़

ब्राह्मण समाज भरतपुर द्वारा उठाया गया यह कदम अब राज्यव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है। अगर सरकार इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेती है, तो राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन सकता है जहाँ सभी पुजारियों को सम्मानजनक जीवन के लिए मासिक सहायता, बीमा, भविष्य निधि और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

यह न केवल पुजारियों को राहत देगा, बल्कि समाज में सनातन धर्म और उसकी परंपराओं के प्रति सम्मान और संरक्षण की भावना को भी मजबूत करेगा।


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