Basant panchami 2025: कब है बसंत पंचमी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और देवी सरस्वती के आरती-स्तोत्र
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Basant panchami 2025: कब है बसंत पंचमी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और देवी सरस्वती के आरती-स्तोत्र

Basant panchami 2025: कब है बसंत पंचमी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और देवी सरस्वती के आरती-स्तोत्र

Basant Panchami 2025: When is Basant Panchami? Know the date, auspicious time, worship method and Aarti-Stotra of Goddess Saraswati

Basant Panchami 2025 का पर्व विशेष रूप से भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जो शीत ऋतु के बाद आती है और गर्मी की शुरुआत का संकेत देती है। इस दिन देवी सरस्वती, जो कि विद्या, बुद्धि, कला और संगीत की देवी मानी जाती हैं, की पूजा की जाती है। इस लेख में हम बसंत पंचमी 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और देवी सरस्वती के आरती और स्तोत्र के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Basant Panchami 2025 की तिथि

बसंत पंचमी 2025 3 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन को माघ शुक्ल पंचमी तिथि के रूप में मनाया जाता है। पंचमी तिथि का शुभारंभ 2 फरवरी 2025, दोपहर 12:04 बजे से होगा और यह समाप्त होगी 3 फरवरी 2025, सुबह 9:49 बजे। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, शिव योग, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जो इस दिन को और भी अधिक महत्व देता है।

Basant Panchami 2025 का महत्व

बसंत पंचमी का दिन बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक होता है। इस दिन को शीत ऋतु के समाप्त होने और गर्मी के मौसम की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, खासकर उत्तर भारत में, सरसों के पीले फूल धरती को ढक लेते हैं, जिससे वातावरण में एक खुशनुमा माहौल बनता है। यह समय नई ऊर्जा और सृजनात्मकता का होता है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है, जो कि ज्ञान और बुद्धि की देवी हैं।

Basant Panchami 2025 का शुभ मुहूर्त

  • तिथि: माघ शुक्ल पंचमी, 3 फरवरी 2025 (बुधवार)
  • पंचमी तिथि प्रारंभ: 2 फरवरी 2025, दोपहर 12:04 बजे
  • पंचमी तिथि समाप्त: 3 फरवरी 2025, सुबह 9:49 बजे
  • शुभ संयोग: सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र

इस दिन देवी सरस्वती की पूजा का सर्वोत्तम समय सुबह 7:30 बजे से 9:00 बजे तक माना जाता है।

Basant Panchami 2025 पूजा विधि

बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का आयोजन प्रमुख रूप से किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से विद्यार्थियों, कलाकारों, और शिक्षकों के लिए पूजा की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है:

  1. स्नान और शुद्धि: पूजा से पहले सभी को स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए।
  2. सरस्वती देवी की मूर्ति की स्थापना: घर के किसी पवित्र स्थान पर देवी सरस्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. पीला रंग: इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनें और पीली मिठाई जैसे हलवा या खीर देवी को अर्पित करें।
  4. पुस्तकें और कलम रखें: विद्यार्थी अपनी किताबें, नोट्स और कलम देवी के समक्ष रखें और उनका सम्मान करें।
  5. मंत्र जाप: “या कुंदेन्दु तुषारहार धवला” का उच्चारण करें और देवी की आरती करें।
  6. भोग अर्पित करें: देवी सरस्वती को खीर, हलवा, और अन्य मीठे भोग अर्पित करें।
  7. आरती: पूजा के बाद देवी सरस्वती की आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें।

Basant Panchami 2025 सरस्वती आरती

सरस्वती आरती देवी सरस्वती की स्तुति और पूजा के दौरान गाई जाती है। यह आरती ज्ञान, बुद्धि, और कला की देवी की महिमा का बखान करती है। नीचे दी जा रही है सरस्वती आरती:

सरस्वती आरती:

  1. जयति जयति देवि सर्वविघ्ननाशिनी।
    सर्वविद्या प्रदायिनी।
    जयति जयति देवि सर्वकर्मफलप्रदा।
    सर्वसंपत्ति प्रदायिनी।।
  2. या कुन्देन्दु तुषारहार धवला
    या शुभ्रवस्त्रावृता।
    या वीणावरदण्डमण्डितकरा
    या श्वेतपद्मासना।।
  3. या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदापूजिता।
    सामम्प्रदायविद्या मोक्षदायिनी।।

अर्थ:
यह आरती देवी सरस्वती की वंदना करती है, जो सभी विघ्नों का नाश करने वाली हैं और विद्या, बुद्धि, कला, और संगीत देने वाली हैं। इनकी पूजा से व्यक्ति को सभी प्रकार की विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

सरस्वती स्तोत्र

सरस्वती स्तोत्र देवी सरस्वती की महिमा का विस्तृत वर्णन करता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने या सुनने से ज्ञान में वृद्धि होती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

सरस्वती स्तोत्र के श्लोक:

  1. नमामि देवी सरस्वतीं
    विन्ध्याचल नवासिनीम्।
    विभूतिसंयुक्तां
    विद्याविभूतिसंप्रदायिनीम्।।
  2. या देवी सर्वभूतेषु
    विद्या रूपेण संस्थिता।
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै
    नमस्तस्यै नमो नमः।।
  3. सरस्वती महाक्रूर
    विद्या वर्धनकारी।
    नानाशास्त्र विसारिणी
    दुर्गा, भवानी नमोस्तुते।।

अर्थ:
यह स्तोत्र देवी सरस्वती की महिमा का विस्तार से वर्णन करता है। इसमें देवी की पूजा के लाभ और उनकी कृपा के द्वारा ज्ञान, विद्या और बुद्धि प्राप्त करने की कामना की जाती है।

Basant Panchami 2025 का पर्व 3 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा से न केवल विद्यार्थियों को बल्कि सभी व्यक्तियों को विद्या, बुद्धि, कला और संगीत में सफलता मिलती है। देवी सरस्वती की आरती, स्तोत्र और वंदना का पाठ करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन का महत्व विशेष रूप से ज्ञान वर्धन और सृजनात्मकता के रूप में होता है। आप भी इस दिन की पूजा विधि का पालन करें और देवी सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करें।

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