
एक अनजान से भी खून का रिश्ता बना देता है रक्तदान तो क्यों ना करें हम रक्त का महादान ! पुत्र जन्मदिवस पर रक्तदान परम्परा को निभाते हुए पुत्र शिवांश पाराशर का दूसरे जन्म दिवस पर किया रक्तदान ….
भरतपुर 23 जनवरी 2025 – तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा। ये नारा हमारे भारत के क्रांतिकारी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जी ने दिया था। यह ऊर्जावान क्रांतिकारी नारा जनमानष में एक नया जोश और उमंग जगाता है ओर मेरे लिए आज का यह दिन बेहद खास था क्योंकि पुत्र शिवांश पाराशर का दूसरा जन्म दिवस था।

इस जन्मदिवस को हर साल की तरह खास और प्रेरणादायक बनाने के लिए मैंने राजकीय अस्पताल,भरतपुर में जाकर स्वेछा से ब्लड बैंक माध्यम से दूसरी बार ब्लड डोनेट किया डोनेट करने के पीछे बस एक ही नेक इरादा लोगों को प्रेरणा देना क्योंकि प्रेरणा से ही परिवर्तन लाकर हर किसी को अपने दायित्व निर्भर के प्रति जागरूक किया जा सकता है।
समाजसेवी और शिक्षाविद पिता पवन पाराशर का रक्तदान पर कहना है कि ‘रक्तदान जीवनदान है’। अपना खून देकर किसी की जिंदगी बचाने से बड़ा पुण्य का काम कोई दूसरा नहीं। आपके द्वारा दिया गया रक्त किसी की जीवन रेखा बन जाता है जो अन्न दे अन्नदाता, जो धन दे धनदाता, जो विद्या दे विद्यादाता, रक्त दे जीवन दाता…. इसलिए मनुष्य जीवन पाकर सबसे बड़ा दान कीजिए अपने विशेष अवसर को यादगार बनाइए साथ ही स्वैच्छिक रक्तदान कर महान क्रांतिकारी सुभाषचन्द्र बोस जी को अनूठी श्रद्धांजलि भी है।
पुत्र शिवांश के जन्म पर ही मेने संकल्प लिया था कि पुत्र का जन्मदिवस लीक से हटकर मनाकर लोगो को प्रेरणा का माध्यम बनुँगा इसी संकल्प के साथ दूसरी बार रक्तदान किया साथ ही मेरे ऊपर यह भी ईश्वर की विशेष अनुकंपा है कि मेरा रक्त ग्रुप ओ नेगेटिव है जो सर्वदाता है आगे भी रक्तदान करने का जुनून ऐसे ही जारी रहेगा।