Bharatpur News: भरतपुर के लिए पेयजल संकट दूर करने के लिए यमुना जल समझौता से पानी दिलवाए: विधायक डॉ. सुभाष गर्ग
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Bharatpur News: भरतपुर के लिए पेयजल संकट दूर करने के लिए यमुना जल समझौता से पानी दिलवाए: विधायक डॉ. सुभाष गर्ग

Bharatpur News: भरतपुर के लिए पेयजल संकट दूर करने के लिए यमुना जल समझौता से पानी दिलवाए: विधायक डॉ. सुभाष गर्ग

Bharatpur News: To overcome the drinking water crisis for Bharatpur, get water from Yamuna Water Agreement: MLA Dr. Subhash Garg
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भरतपुर,6 मार्च। पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉक्टर सुभाष गर्ग ने गुरुवार को विधानसभा में नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख प्रस्ताव में जिले की पेयजल सिंचाई के जल के मामले को उठाया।

विधानसभा सदन में डॉ सुभाष गर्ग ने कहा कि भरतपुर जिले में पेयजल एवं सिंचाई हेतु पानी की अत्यन्त कमी है। इसकी पूर्ति के लिये 1994 में पाँच राज्यों के मध्य यमुना जल समझौता हुआ था जिसमें ओखला हैड से कुल 1281 क्यूसेक जल का आंवटन भरतपुर को करना सुनिश्चित हुआ था । उपरोक्त में से 481 क्यूसेक जल को प्राप्त करने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा गंभीर प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। 07 फरवरी, 2003 को केन्द्रीय जल आयोग ने इस शर्त के साथ अनुमोदित किया गया कि हरियाणा की सहमति प्राप्त की जावे किन्तु अभी तक कुछ नहीं हुआ। एक तो सरकार हरियाणा की तय शर्तों के अनुरूप सहमति ली जावें साथ ही ओखला हैड पर आवंटित शेष 481 क्यूसेक पानी प्राप्त करने हेतु गुड़गांव कैनाल की क्षमता 500 क्यूसेक है, उसको रिसैक्शनिंग द्वारा क्षमता बढ़ाकर 981 क्यूसेक किया जावे।

उन्होंने कहा कि ओखला हैडवर्क्स पर आवंटित 1281 क्यूसेक जल में से 800 क्यूसेक के उपयोग हेतु ही नहरी तंत्र उपलब्ध है जिसमें जल प्रवाह के दौरान हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश क्षेत्र में अवैद्य दोहन, चोरी, लिफ्टिंग के कारण जल उपलब्धता में कमी रहती है, जिस हेतु हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश द्वारा उचित व ठोस पुलिस व प्रशासनिक कार्यवाही अपेक्षित है।

ओखला हेड पर उपलब्ध कराये गये राजस्थान के हिस्से के पानी में वर्ष 2014 से 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार मात्र 56 प्रतिशत पानी ही उपलब्ध हुआ है। जिसका मूल कारणा हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश राज्य में पानी की चोरी है विगत चार वर्षों में यमुना जल पर भारत सरकार द्वारा बनाये गये अपर यमुना रिवर बोर्ड एवं राजस्थान की सतत निगरानी से यह उपलब्धता 72 प्रतिशत तक प्राप्त हुई है।
शेष रहे 481 क्यूसेक जल को राजस्थान राज्य में उपयोग हेतु हरियाणा क्षेत्र में स्थित नहरों की रिमॉडलिंग आवश्यक होगी जिसकी अनुमानित लागत रू. 1900 करोड़ होगी तथा इस क्रम में हरियाणा राज्य की सहमति अपेक्षित है, जिसकी डीपीआर सीडब्यूसी से अनुमोदित है।
डॉ गर्ग ने मांग करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार से आगृह कर 481 क्यूसेक पानी लेने हेतु प्रभाव प्रणाली हेतु रिमोडलिंग के प्रस्तावों की सहमति प्रदान करवाए।

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