Bharatpur News: विकसित राजस्थान विषय पर हुई कार्यशाला

Bharatpur News: विकसित राजस्थान विषय पर हुई कार्यशाला

Bharatpur News: विकसित राजस्थान विषय पर हुई कार्यशाला

Bharatpur News: Workshop held on the subject of developed Rajasthan

भरतपुर 8 मार्च। नीति आयोग एंव राजस्थान विश्वविद्यालय के सहयोग वर्ष 2047 तक विकसित राजस्थान बनाने के लिए विकास का दृष्टिकोण तैयार करने, आने वाली चुनौतियों विषय पर इंजीनियरिंग कॉलेज में समृद्ध भारत आभियान के निदेशक सीताराम गुप्ता के मुख्य अतिथ्य में कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय सरसों अनुसंध्धन केन्द्र के निदेशक डॉ० पी के राय ने की।

कार्यशाला में सीताराम गुप्ता ने कहा कि विकसित राजस्थान बनाने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्धत संसाधनों को पहचान कर कार्य योजना बनानी होगी। जिससे रोजगार के नये अवसर ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को मिल सके। उन्होंने बताया कि राजस्थान में सौर व पवन ऊर्जा के विकास की काफी संभावनाएँ है। ऊर्जा के इन दोनों स्त्रोतों को बढावा देने के लिए गैर परम्परागत ऊर्जा विकास विभाग बनाया जाना चाहिए। गुप्ता ने बताया कि राजस्थान पुरा महत्व एव ऐतिहासिक दृष्टि में काफी समृद्ध प्रदेश है। जिन्टे पर्यटन से जोडने के लिए विस्तृत पर्यटन नीति बनाई जाये।ं जिसमें ग्रामीण पर्यटन को पर्याप्त स्थान दिया जाये। उन्होंने राजस्यान की खनिज नीति की समीक्षा कर इसे अधिक लानकारी व पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी उपयुक्त बनाने का सुझाव भी दिया।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए डॉ0 पी के राय ने कहा कि विकसित राजस्थान बनाने के लिए हमे तिलहन व दलहन के क्षेत्र में दुगने उत्पादन का लक्ष्य तय करना होगा। उन्होने बताया कि सरसों उत्पादन को बढावा देने के लिए राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केन्द्र अधिर उत्पादन एवं कम समय में तैयार होने वाली तथा रोग निरोधक नई किस्में विकसित कर रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं लेकिन इस क्षेत्र में और गति देने की आवश्यकता है ताकि हम तिलहन के क्षेत्र में आत्म निर्भर हो सकें। इस अवसर पर एस एस एम ई के निदेशक राहुल बंसल ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

प्रारंभ में कार्यशाला के नोडल अधिकारी डॉ0 अंशु भारद्वाज ने कार्यशाला के उद्देश्यों की विस्तार से जानकारी दी तथा इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डा० रवि गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि राज्य में तकनीकी शिक्षा के विस्तार में आर्टिफिशियल इन्टेलिजेसी जैसे पाठ्यक्रमों को शामिल करने के साथ नवीन अनुसंधानों पर विशेष ध्यान देना होगा। कार्यशाला का संयोजन डा० अरुणा पाठक, ईशा पाण्डेय, मोनू, हर्षित ने किया तथा संचालन डॉ0 प्रमोद कुमारी ने किया

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