रामया शर्मा ने रचा इतिहास बनी भरतपुर संभाग की सबसे कम उम्र की ताइक्वांडो कोच
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रामया शर्मा ने रचा इतिहास बनी भरतपुर संभाग की सबसे कम उम्र की ताइक्वांडो कोच

रामया शर्मा ने रचा इतिहास बनी भरतपुर संभाग की सबसे कम उम्र की ताइक्वांडो कोच।

Ramya Sharma created history by becoming the youngest Taekwondo coach of Bharatpur division.
रामया शर्मा ने रचा इतिहास बनी भरतपुर संभाग की सबसे कम उम्र की ताइक्वांडो कोच।

भरतपुर, राजस्थान – जब ज्यादातर बच्चे गर्मी की छुट्टियों में खेल और मस्ती में समय बिताते हैं, तब रामया शर्मा ने एक नई मिसाल कायम कर दी। जयशंकर टाइगर जूडो कराटे क्लब की इस होनहार खिलाड़ी ने सबसे कम उम्र में ताइक्वांडो प्रशिक्षक (Taekwondo Instructor) बनकर इतिहास रच दिया। भरतपुर की इस नन्हीं प्रतिभा की सफलता से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे संभाग को गर्व महसूस हो रहा है।

रामया शर्मा: खेलों में एक नई प्रेरणा

भरतपुर के सूर्या सिटी की रहने वाली रामया ने यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उनकी इस उपलब्धि की पूरे खेल जगत में सराहना हो रही है। जयशंकर टाइगर क्लब के खिलाड़ी उन्हें ‘लिटिल टाइग्रेस’ के नाम से पुकार रहे हैं। कम उम्र में इतनी बड़ी सफलता प्राप्त कर रामया ने सभी बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

ताइक्वांडो में करियर बनाने का सपना

रामया केवल प्रशिक्षक बनकर नहीं रुकी हैं, बल्कि उनका सपना भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइक्वांडो में पदक जीतना है। उनकी इस सफलता से अन्य युवा खिलाड़ियों को भी खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरणा मिलेगी। उनके माता-पिता और कोच का कहना है कि रामया ताइक्वांडो के प्रति बेहद जुनूनी हैं और इसे अपना करियर बनाना चाहती हैं।

रामया शर्मा को मिल रही बधाइयाँ

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रामया की इस शानदार उपलब्धि पर वसुंधरा राजे समर्थक मंच के प्रदेश मंत्री हरीश पाठक ने उन्हें बधाई दी और कहा कि –
“रामया शर्मा ने यह साबित कर दिया कि छोटी उम्र में भी बड़े सपने देखे और पूरे किए जा सकते हैं। उनकी मेहनत और लगन से आज भरतपुर का नाम रोशन हुआ है।”

भारत में महिला खिलाड़ियों का योगदान

भारत में महिला खिलाड़ी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। मैरी कॉम, साक्षी मलिक, पीवी सिंधु, मीराबाई चानू जैसी खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है। अब रामया शर्मा भी उसी दिशा में आगे बढ़ रही हैं। उनकी मेहनत और प्रतिभा से यह उम्मीद की जा सकती है कि वह भारत के लिए ताइक्वांडो में एक नया इतिहास रचेंगी।

रामया शर्मा की यह उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर जज्बा और मेहनत हो, तो छोटी उम्र में भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। उनकी सफलता न केवल भरतपुर बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है।

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