जयशंकर टाईगर संस्थान के वरिष्ठ जूडो चैंपियन पोहप सिंह जादौन ने मृत्यु से पूर्व ही स्वैच्छिक देहदान का संकल्प लिया।

भरतपुर ‘मंजिल तो तेरी यहीं थी, इतनी देर लगा दी आते-आते, क्या मिला तुझे जिंदगी से, अपनों ने ही जला दिया जाते-जाते’ श्मशान घाट के बाहर यह वाक्य लिखा मिल जाता है। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे दानवीर भी हैं, जिन्होंने अपने जीते जी अपना शरीर ही दूसरों के लिए दान कर दिया। इनमें जयशंकर टाईगर शिक्षक एवं प्रशिक्षण संस्थान किला भरतपुर के वरिष्ठ जूडो चैंपियन पोहप सिंह जादौन निवासी नमक कटरा भरतपुर ने मरने से पहले ही स्वैच्छिक देहदान करने के लिए शरीर रचना विभाग राजकीय मेडिकल कॉलेज भरतपुर को आवेदन पत्र भेज कर स्वैच्छिक देहदान का प्रमाण पत्र प्राप्त किया।
आजकल इस दुनिया में मांगने पर एक वस्तु तक नहीं मिलती, लेकिन इस दुनिया में कुछ महान विभूति पोहप सिंह जादौन जैसी भी हैं, जिन्होंने मृत्यु से पूर्व ही स्वैच्छिक देहदान करने का संकल्प लिया है, जो सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
इस मौके पर जयशंकर टाईगर संस्थान की अध्यक्षा प्रतिभा शर्मा, कुंग फू चैंपियन पवन पाराशर, सचिव पीयूष जयशंकर टाईगर, उपाध्यक्ष नेहा शर्मा, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश सैनी, ताइक्वांडो सचिव दीप्ति शर्मा, मनोहर सैनी आदि अन्य पदाधिकारियों ने जूडो चैंपियन एवं संस्था के मार्गदर्शक पोहप सिंह जादौन की त्यागमयी विचारधारा का सम्मान किया एवं भूरि भूरि प्रशंसा की।